ऊंच्च- निचा डांड्यूं को म्येरो पहाड़ा,,,
यौ,,,, म्येरो पहाड़ा,
धन- धन म्यर भाग छैं, मैं जनमी पहाड़ा,,,
मैं जनमी पहाड़ा,,,मैं जनमी पहाड़ा,,,मैं जनमी पहाड़ा,,,मैं जनमी पहाड़ा,,,
ओहो,,,धन- धन म्यर भाग छैं, मैं जनमी पहाड़ा,,,
मुलमुलौ हमर मुलुका, मीठी- मीठी छू बाणी,,,,
कति मीठी छू बाणी,,,,
ठंडी-ठंडी हाउ चली रैं, ठंडो- मिठो पाणी,,,,२
सीध- साध छैं मनखी भुली, म्येरी पहाड़ा,,,,
यौ,,, म्येरी पहाड़ा,,
धन- धन म्यर भाग छैं, मैं जनमी पहाड़ा,,,२
ऊंच्च- निचा डांड्यू' को म्येरो पहाड़ा,,,
यौ,,,, म्येरो पहाड़ा,
धन- धन म्यर भाग छैं, मैं जनमी पहाड़ा,,,२
डान- काना में मां' क धाम, बैठीं रैं मां स्यूं मा,,,,,,
बैठीं रैं मां स्यूं मा,,,
सब देवों की छाया- दाया, म्यर उत्तराखंड मा,,,,,२
घर मा लागैं जागरी, पूजणी डंगरिया,,,
नचौंणी डंगरिया,,,,
धन- धन म्यर भाग छैं, मैं जनमी पहाड़ा,,,२
ऊंच्च- निचा डांड्यू' को म्येरो पहाड़ा,,,
यौ,,,, म्येरो पहाड़ा,,,,,
धन धन म्यर भाग छैं, मैं जनमी पहाड़ा,,,२
गाड़, गद्यरा, स्रोत बणी, नदी- रेवाड़ा,,,,,,
हो,,,नदी- रेवाड़ा,,,,
संगमे की डुबकी करें, हमरी उद्धारा,,,२
पाप नाशनी, पुण्य दायिनी, गंगा की धारा,,,,
यौ गंगे की धारा,,,,,
धन धन म्यर भाग छैं, मैं जनमी पहाड़ा,,,२
ऊंच्च- निचा डांड्यू' को म्येरो पहाड़ा,,,
यौ,,,, म्येरो पहाड़ा,,,,
धन धन म्यर भाग छैं, मैं जनमी पहाड़ा,,,२
४- धन छैं भागि म्यर पराणा, धनि छू म्येरी ज्यूंनी,,,,,
धनि छू म्येरी ज्यूंनी,,,,
क्वै जनमा पुन्यु प्रतापा, देवभूमि में जनमी,,,,२
जन्म भूमि, कर्म भूमि, म्येरी पहाड़ा,,,
यौ,,, म्येरी पहाड़ा,,,,
धन धन म्यर भाग छैं, मैं जनमी पहाड़ा,,,२
ऊंच्च- निचा डांड्यू को यौ म्येरो पहाड़ा,,,
यौ,,,, म्येरो पहाड़ा,,,,
धन धन म्यर भाग छैं, मैं जनमी पहाड़ा,,,२
स्वरचित मंजू बिष्ट, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश।
(मूल निवासी-हल्द्वानी नैनीताल।)
सर्वाधिकार सुरक्षित।
Very nice lyrics 🙂
ReplyDeleteThank you 😊💞
ReplyDeleteवाह, सुंदर गीत
ReplyDeleteThank you 😊
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