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Sunday, 4 July 2021

स्वर्ग तारा ज्यून्याली राता, प्रचलित कुमाऊनी लोकगीत संग्रह।

स्वर्ग तारा, ज्यून्याली राता,,,,,,

को सुंणल,,,,, ओय-होय,,,, को सुंणल, यौ मेरी बाता,,,,स्वर्ग तारा,,,,,

स्वर्ग तारा, ज्यून्याली राता,,,,,,

को सुंणल,,,,, ओय-होय,,,, को सुंणल, यौ मेरी बाता,,,,स्वर्ग तारा,,,,


पाणी' क मसिक सुवा पाणी'क मसीका,,,,,

पाणी' क मसिक सुवा पाणी'क मसीका,,,,,

तू न्हैं जाले परदेश सुवा, मैं रूंला कसीका,,,,

तू न्हैं जाले परदेश सुवा, मैं रूंला कसीका,,,,


स्वर्ग तारा, ज्यून्याली राता,,,,,,

को सुंणल,,,,, ओय-होय,,,, को सुंणल, यौ मेरी बाता,,,,स्वर्ग तारा,,,,,,


बिरहा' की रात भागि, बिरहा' की राता,,,,,

बिरहा' की रात भागि, बिरहा' की राता,,,,,

आंखों बै आंसू'की झड़ी, लागि रौ बरसाता,,,,

आंखों बै आंसू'की झड़ी, लागि रौ बरसाता,,,,


हो स्वर्ग तारा, ज्यून्याली राता,,,,,

को सुंणल,,,,, ओय-होय,,,, को सुंणल, यौ मेरी बाता,,,,स्वर्ग तारा,,,,,


तेल लै निमड़ी गौछी, बुझी रौछी बाती,,,,

तेल लै निमड़ी गौछी, बुझी रौछी बाती,,,,

त्येरी माया में मैड़ी रौछी, सरपे की भांति,,,,

त्येरी माया में मैड़ी रौछी, सरपे की भांति,,,,


हो स्वर्ग तारा, ज्यून्याली राता,,,,,

को सुंणल,,,,,, ओय-होय,,,, को सुंणल, यौ मेरी बाता,,,,स्वर्ग तारा,,,


अस्यारी'क रेट सुवा अस्यारी को रेटा,,,,

अस्यारी'क रेट सुवा अस्यारी को रेटा,,,,

आज' के जाई बटि कब ह्वोली भैंटा,,,,

आज' के जाई बटि कब ह्वोली भैंटा,,,,


हो स्वर्ग तारा, ज्यून्याली राता,,,,,

को सुंणल,,,,, ओय-होय,,,, को सुंणल, यौ मेरी बाता,,,,स्वर्ग तारा,,,


( उत्तराखंड कुमाऊनी प्रचलित लोकगीत, संग्रह- १०)


1 comment:

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