Followers

Sunday, 18 July 2021

कुमाऊनी लोकगीत: बेडू पाको बारामासा

 बेडू पाको बारामासा, ओ नरैण काफल पाको चैता मेरी छैला,,,,,२


अल्मोड़े की नंदा देवी, ओ नरैण फूल चड़ूल पाति मेरी छैला,,,,,२


बेडू पाको बारामासा, हो नरैण काफल पाको चैता मेरी छैला,,,,,२


अल्मोड़ा को लाल बजारा,ओ नरैण लाल माटे की सीडी मेरी छैला,,,२


बेडू पाको बारामासा, हो नरैणा काफल पाको चैता मेरी छैला,,,,,२


आप खांछै पान सुपारी, ओ नरैण मैं पी लीछू बीड़ी मेरी छैला,,,,२


बेडू पाको बारामासा, हो नरैण काफल पाको चैता मेरी छैला,,,,,२


त्यार खुटा में कांण बुड़िया, ओ नरैण म्यर खूटा में पीड़ा मेरी छैला,,,,,२


बेडू पाको बारामासा, हो नरैण काफल पाको चैता मेरी छैला,,,,,२


 रचयिता: स्वर्गीय श्री ब्रिजेश लाल साह।

(कुमाऊनी सुप्रसिद्व लोकगीत, संग्रह- १९)

1 comment:

कुमाऊनी भजन: माता रानी

  मुखड़ा- ऊंच- नीचा डांड्यू कै करी पार। मैं आयूं मैया त्यर द्वार मा।। दर्शन तू दी जा इक बार। ऐजा मैया बैठि शेर मा।।   कोरस- ऐजा मैया बैठि शे...