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Sunday, 11 July 2021

मैं घास काटूल, तू पुवा बांधलै कुमाऊनी प्रचलित लोकगीत, संग्रह।

मैं घास काटूल, तू पुवा बांधलै,,,,,

हाये,,, मैं करूंल यादा नरैणा भीना हो,,,,

मैं घास काटूल, तू पुवा बांधलै,,,,,

हाये,,, मैं करूंल यादा नरैणा भीना हो,,,,


आपणै जेब की फोनटीन दी जाया,,,,२

सांची,,, मैं चिठ्ठी लिखूंल नरैणा भीना हो,,,,२

आपणी हाथ की तुम घड़ी दी जाया,,,,२

सांची,,, मैं द्यैखूला टैमा नरैणा भीना हो,,,,२


मैं घास काटूल, तू पुवा बांधलै,,,,,

हाये,,, मैं करूंल यादा नरैणा भीना हो,,,,


आपणै जेब' क रूमाल दी जाया,,,,,२

सिबौ,,, मैं पोछूला आंसू नरैणा भीना हो,,,,२

दैण अंगूली की मुनड़ी दी जाया,,,२

सांची,,,, मैं धरूंल निशानी नरेणा भीना हो,,,२


मैं घास काटूल, तू पुवा बांधलै,,,,,

हाये,, मैं करूंल यादा नरैणा भीना हो,,,,


(उत्तराखंड कुमाऊनी प्रचलित लोकगीत, संग्रह-१७)

1 comment:

  1. बहुत सुंदर लोकप्रिय लोक गीत

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